
सघन चेकिंग चांज अभियान चलाये और झोला छाप डाक्टर पर भी कारवाई करने के निर्देश
बिजनौर – जिलाधिकारी उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में कल देर शाम तक महात्मा विदुर सभागार कलेक्ट्रेट में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक आहुत की गयी। जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिये कि जिले में नवजात शिशु टीकारण की प्रगति में अपेक्षित सुधार लाया जाना और इस कार्य की नियमित रूप से समीक्षा करते हुए मानक के अनुसार टीकाकरण कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी को यह भी निदेश दिये जिले में अवैध रूप से संचालित अस्पतालों की जानकारी एकत्र कर उनके प्रति कडी कार्यवाही करते हुए साथ ही सघन चेकिंग चांज अभियान चलाये और झोला छाप डाक्टर पर भी कारवाई करना सुनिश्चित करें और यदि उक्त के संबंध में शिकायत मिलती है तो यदि ऐसे प्रकरणों पर स्वास्थय विभाग द्वारा उचित कार्यवाही प्रकाश में नही आती है तो संबंधित क्षेत्र के स्वास्थय प्रभारी की जवाबदेयी व उनके प्रति कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। उन्होंने कहा कि बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ जनसामान्य को उपलब्ध कराना स्वास्थ्य विभाग का मुख्य कार्य हैं।

उन्होंने गोल्डन कार्ड व आयुष्मान कार्ड कार्यक्रम की प्रगति बढाने के भी निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि मातृ एवं शिशु मृत्यू दर में किसी भी रूप में वृद्वि नहीं होनी चाहिए और इसके लिए प्रत्येक स्वास्थ्य एवं सामुदायिक केन्द्रों के साथ स्वास्थ्य उप केन्द्रों एंव आंगनबाड़ी केन्द्रों पर गर्भवती महिलाओं के लिए प्रसव पूर्व के टीकाकरण, नियमित खून की जांच, रक्तचाप तथा गर्भ के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां एवं खानपान आदि से संबंधित आवश्यक जानकारियों पर आधारित सूचना अंकित कराना सुनिनिश्चित करें।
उन्होने स्पष्ट रूप से कहा कि शासन के मंशा के अनरूप स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ निःशुल्क रूप में पूर्ण गुणवत्ता के साथ जनसामान्य को प्राप्त हो और स्वास्थ्य मानकों के आधार पर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएं। उन्होंने सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को कड़े निर्देश दिये कि जिले में जननी सुरक्षा योजना का संचालन पूर्ण गुणवत्ता और मानक के अनुरूप करें और प्राथमिक एंव सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों की विश्वसनीयता को बढ़ाना सुनिश्चित करें ताकि प्राईवेट नर्सिगं होम में प्रसव कराने का जन सामान्य का रूझान कम से कम हो सके। उन्होनें कहा कि शासन द्वारा प्रसव के लिए हर सम्भव सुविधायें जिनमें एम्बुलेंस, डिलीवरी, उपचार आदि सेवायें मुफ़त उपलब्ध हैं और साथ ही प्रसव कराने वाली महिला को आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाती है, इन सब के बावजूद सरकारी अस्पतालों में प्रसव कम होना गम्भीर प्रकरण है। उन्होनें सभी एमओआईसी को निर्देश देते हुए कहा कि अपने कार्य में अपेक्षित सुधार लायें। उन्होने निर्देश देते हुए कहा कि यदि किसी भी चिकित्साधिकारी के क्षेत्र में टीकाकरण का प्रतिशत कम कार्य होना प्रकाश में आता है तो उसके विरूद्व अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। उक्त सम्बन्ध में उन्होने सभी चिकित्साधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि एएनएम, आशाओं और कार्यकत्रियों की संयुक्त रूप से एक बैठक आयोजित करें

इस अवसर पर जिलाधिकारी द्वारा आरसीएच पोर्टल पीएमएमविवाई में महिलाओं व बच्चों के रजिस्ट्रेशन के प्रतिशत पर कमी को बढाने के निर्देश स्वास्थ्य अधिकिरियों को दिये। उन्हेंने आरबीएसके, एनबीसीपी, पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय रोग कार्यक्रम, एम0डी0आर/एक्स0डी0आर, राष्ट्रीय वैक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम, एच0आई0वी0/एड्स नियन्त्रण कार्यक्रम, राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन, जैम पोर्टल, इन्फैक्सन प्रीरीवेशन ट्रैनिंग, कायाकल्प स्कोरर्स मंत्रा/आरसीएच डाटा फीडिगं पोर्टल, एनआरसी रिर्पाट, परिवार नियोजन, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम, आशा भूगतान आदि सभी विन्दुओं पर गहनता से विचार विर्मश कर उपस्थित अधिकारियों को सभी कार्यक्रमों में निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष कार्य पूर्ण गुणवत्ता के साथ पूरा करने के निर्देश दिये।
उन्होंने आगामी 01 अप्रैल से 30 अपै्रल तक संचालित संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत सभी विनदुओं व दस्तक अभियान की तैयारी की प्रभावी कार्ययोजना बनाने के निर्देश तथा उसको विगत वर्षों के भांति सफल बनाने के निर्देश सवास्थ्य अधिकारियों को दिये
इस अवसर पर परियोजना निदेशक ज्ञानेश्वर तिवारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 विजय कुमार गोयल, समस्त अपर मुख्य चिकित्साधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, समस्त ई0ओ0 नगर पलिका/नगर पंचायत सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारियों व संबंधित विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।