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नूरपुर : नूरपुर क्षेत्र के गांव मोरना स्थित देवता रामलीला मैदान में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन पूज्य श्री पुंडरीक गोस्वामी महाराज जी ने श्रीमद् भागवत कथा के पंचम दिवस मे बाल लीला एवं गोवर्धन पूजा हुई कथा का प्रसंग सुनाते हुए कथा वाचक पूज्य श्री पुंडरीक गोस्वामी जी महाराज ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र का अहंकार दूर करने के लिए सभी ब्रिज वासियों की रक्षा की रक्षा करते हुए गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठा लिया जब इंद्र ने अपनी शक्ति का दुरुपयोग करके ब्रज वासियों को परेशान किया तो सारे ब्रज वासियों की रक्षा करने हेतु भगवान श्री कृष्ण आए और आकर के गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठा लिया तभी सभी ब्रिज वासियों ने गोवर्धन पर्वत के नीचे शरण ली और इसके बाद इंद्र को अपनी भूल का अहसास हुआ और उन्होंने श्रीकृष्ण से क्षमा याचना की इसके बाद गोवर्धन पर्वत के पूजन की परंपरा आरंभ हुई इस उत्सव पर व्यास जी ने श्री गोवर्धन महाराज मन रखियो अपने चरनन में भजन पर सभी भक्तों का मन मोहित कर दिया राधे राधे तो बोलना पड़ेगा के लगे जयकारे से माहौल भक्ति में हो गया उन्होंने कहा कि भागवत कथा के प्रकाश से कलयुग भी सतयुग में परिवर्तित हो जाता है कलयुग में लगातार पाप, क्रोध व अन्याय बढ़ रहा है ऐसे में भक्तों को अवश्य भागवत कथा का श्रवण करना चाहिए

भागवत कथा में व्यास जी की आरती इंजीनियर परमवीर सिंह ठाकुर परिवार द्वारा की गई तत्पश्चात प्रसाद वितरण किया गया भागवत कथा में क्षेत्र से हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे

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