Diwali 2023: दिवाली पूजन के बाद लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति का क्या करें? 1 गलती से पूजा हो सकती निष्फल, जानें कब करें विसर्जन

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हाइलाइट्स

दिवाली के दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का विधान है.
पूजन के बाद लक्ष्मी-गणेश प्रतिमा को नदी में विसर्जित करना चाहिए.

Vastu tips for after diwali: दीपों का महापर्व दिवाली इसबार 12 नवंबर दिन रविवार को धूमधाम से मनाई गई. इस दिन मां लक्ष्मी-गणेश की पूजा का विधान है. यही वजह है कि लोग लक्ष्मी-गणेश की नई फोटो या प्रतिमा खरीदकर लाते हैं और विधि-विधान से पूजा करते हैं. इसके बाद उन मूर्तियों को लोग कहीं भी उठाकर रख देते हैं. लेकिन ऐसा करना गलत है. इससे आपको बड़ा नुकसान हो सकता है. घर से मां लक्ष्मी जा सकती हैं, जिससे आप धन संकट में भी पड़ सकते हैं. ऐसे में सवाल है कि आखिर दिवाली पूजन के बाद गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति का क्या करें? किन उपायों को करने से लाभ होगा? कौन सा उपाय करने से बचना चाहिए? इस सवालों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं उन्नाव के ज्योतिषाचार्य पं. ऋषिकांत मिश्र शास्त्री–

दिवाली के बाद गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति के उपाय

पूजाघर में स्थापित करें: ज्‍योतिषाचार्य के मुताबिक, गणेश-लक्ष्‍मी की नई मूर्तियां आने के बाद एक चौकी पर कपड़ा बिछाकर उनकी पूजा करनी चाहिए. हालांकि, पुरानी मूर्तियों को पूजा वाले स्‍थान पर ही रहने दें. भाई दूज के बाद नई मूर्तियों को चौकी पर से हटाएं. इसके बाद पुरानी मूर्तियों की ओर मुंह करके हों और श्रद्धा पूर्वक प्रार्थना करें. इसके बाद पुरानी मूर्तियों की रोली अक्षत, खील-बताशे, पुष्‍प, मिष्‍ठान वगैरह चढ़ाकर पूजा करें. आरती करें, इसके बाद नई मूर्ति को वहां पर रख दें और पुरानी मूर्ति को पूजा के स्‍थान से हटा दें.

नदी में विसर्जित करें: दिवाली पूजन के बाद लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति को आप नदी में भी विसर्जित कर सकते हैं. किसी धातु की मूर्ति को छोड़कर यदि लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति मिट्टी की है, तो उसे लाल कपड़े में लपेटकर नदी में विसर्जित करना चाहिए. यदि आप ऐसा भी नहीं कर पा रहे हैं तो इन्हें आप घर पर ही किसी शुद्ध पात्र में जल भरकर उसमें मूर्तियों को गला सकते हैं. ऐसा करने से आप पाप के भागीदार नहीं बनेंगे. साथ ही जीवन में लाभ होने लगेगा. हालांकि, ध्यान रखें कि मूर्तियों को इधर-उधर न रखें और न ही गंदे पानी या गंदे स्थान पर फेकें.

सोने-चांदी की मूर्ति को तिजोरी में रखें: यदि आप इस दिवाली पूजन के लिए लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति चांदी, सोने या पीतल की लाए हैं तो इनका आप घर की तिजोरी में रख सकते हैं. हालांकि, इसको तिजोरी में रखने से पहले मूर्ति को गंगाजल से स्नान कराएं. इसके बाद इन्हें पुनः मंदिर या तिजोरी में स्थापित करें. ध्यान रहे कि इस दौरान विधि-विधान से पूजन के साथ आरती जरूर करें. ऐसा करने से आपको पूजा का लाभ मिलेगा. मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलेगा और बिगड़े काम बनने लगेंगे.

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इस काम को करने से बचें: दिवाली पूजन के बाद कई लोग लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों को पेड़ के नीचे रख देते हैं. यदि आप भी ऐसा करते हैं तो बिल्कुल गलत कर रहे हैं. माना जाता है कि लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्ति को पेड़ के नीचे रखने से व्यक्ति कई परेशानियों में पड़ सकता है. मां लक्ष्मी घर से मुंह फेर लेंगी. इसके साथ ही आपकी पूजा निष्फल हो सकती है.

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कब करें विसर्जन: ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, इस बार दिवाली 12 नवंबर दिन रविवार को थी. वहीं, 13 नवंबर दिन सोमवार को सोमवती अमावस्या भी है, जोकि बेहद शुभ दिन है. इसी दिन लक्ष्मी-गणेश की पुरानी प्रतिमा का विसर्जन करना अधिक फलदायी रहेगा. यदि 13 नवंबर को प्रतिमा का विसर्जन किन्हीं कारणों से नहीं भी कर पाएं तो फिर 15 नवंबर को विसर्जन करें. क्योंकि 14 नवंबर को मंगलवार है, इस दिन विसर्जन करने की मनाही होती है. इसके साथ ही गणेश-लक्ष्मी और कुबेर की पुरानी प्रतिमा का विसर्जन सुबह के समय ही करना चाहिए. सूर्यास्त के बाद भूलकर भी विसर्जन न करें. क्योंकि मां लक्ष्मी को प्रदोष काल और गोधुली बेला अति प्रिय है.

Tags: Astrology, Dharma Aastha, Lifestyle, Religion, Tips and Tricks

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