गोशालाओं को आत्म निर्भर एवं स्वालांम्बि बनाने के लिए गोबर एवं गोमूत्र का व्यवसायिक रूप में होगा प्रयोग, उनसे उत्पादित वस्तुओं से प्राप्त होने वाली आमदनी से गोशालाओं को बनाया जाएगा विकसित और बहुआयामी : जिलाधिकारी

बिजनौर : जिलाधिकारी उमेश मिश्रा द्वारा आज छाछरी मोड़ स्थित गोशाला का आकस्मिक रूप से निरीक्षण किया गया तथा वहां गोबर से बिजली उत्पादित करने वाले प्लांट का भी शुभारंभ उनके द्वारा किया गया। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी पूर्ण बोरा, खण्ड विकास अधिकारी सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।

निरीक्षण के दौरान गोशाला में 350 पशु संरक्षित पाए गए तथा उनके चारे के लिए भण्डार में 150 कुन्टल भूसा भी संरक्षित पाया गया। इसके अलावा पशुओं को हरा चारा उपलब्ध कराने लिए 35 बीघा भूमि पर नेपियर घास बोया जाना भी प्रकाश में आया। उन्होंने खण्ड विकास अधिकारी को निर्देश दिए कि गौशाला के आसपास चारागाह की भूमि का चिन्हीकरण करें और उसमें भी नेपियर घास उगाए ताकि संरक्षित पशुओं को हरे चारे में कोई कमी न होने पाए। निरीक्षण में गौशाला में सफाई ठीक पाई गई और पशुओं को पानी एवं चारे की व्यवस्था दुरूस्त मिली। उन्होंने पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिए कि नियमित रूप से गौशाला में आकर पशुओं के स्वास्थ्य का परीक्षण करें और यदि कोई बीमार अवस्था में पाया जाए तो तत्काल उसके उपचार की समुचित व्यवस्था करना सुनिश्चित करें।

गौशाला में 25 लाख की लागत निर्मित गोबर से बिजली उत्पादित करने वाले प्लांट का शुभारंभ करते हुए उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि यहां से उत्पादित होने वाली बिजली से गौशाला एवं आसपास के क्षेत्रों में बिजली की व्यवस्था सम्भव हो सकती है। उन्होंने बताया कि गोशालाओं को आत्म निर्भर एवं स्वालांम्बि बनाने के लिए गोबर एवं गोमूत्र का व्यवसायिक रूप में प्रयोग किया जाएगा और उनसे उत्पादित होने वाली वस्तुओं से प्राप्त होने वाली आमदनी से गोशालाओं को विकसित और बहुआयामी बनाया जाएगा।