बिजनौर । कोरोनावायरस के संक्रमण के दौरान बचाव, हौसला, दवाई और टीका बहुत जरूरी है। कोरोनावायरस को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा कोविड-19 टीकाकरण एवं जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है ,टीका से संबंधित अफवाहों से बचने के लिए पूरी जानकारी अधिकृत व्यक्ति या डॉक्टर से प्राप्त करें। विषय विशेषज्ञकी बातों पर ही विश्वास करें। इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर ,उत्तर प्रदेश के मनोवैज्ञानिक परामर्शदाता अवनीश विश्वकर्मा जी का कहना है कि जंग कोई भी हो वार से ज्यादा खुद का बचाव अधिक जरूरी होता है। कुछ ऐसा ही है कोरोनावायरस के खिलाफ जंग में भी है । कोरोना के साथ जंग में मास्क लगाएं, सैनिटाइजर का उपयोग करें,साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अवश्य करें इन सब के साथ सबसे आवश्यक है कि वैक्सीन जरूर लगवाएं। रजिस्ट्रेशन करवाकर अपने क्षेत्र के प्राइवेट या सरकारी अस्पताल पर जाकर वैक्सीन जरूर लगवाएं। वैक्सीन से संबंधित अफवाहों से बचें और भ्रामक सूचनाओं पर ध्यान ना दें। उन्होंने कहा वैक्सीन का शरीरिक स्वास्थ्य पर कोई नकारात्मक प्रभाव नही होता। वैक्सीन लगने के बाद बुखार, थकान, सिरदर्द या बेचैनी जैसे लक्षण आ सकते हैं पर सामान्यतः एक-दो दिन में ठीक हो जाते हैं । इसके पीछे वैज्ञानिक कारण यह है कि जब वैक्सीन लगाई जाती है तो बन रहे स्पाइक प्रोटीन की पहचान शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली एक खतरे के रूप में कर लेती है और इनसे लड़ना शुरू कर देती है। शरीर में होने वाली यह प्राकृतिक प्रक्रिया के कारण ही व्यक्ति को साइड-इफेक्ट अनुभव होते हैं। बुखार, कंपकपी या दर्द एक संकेत है कि वैक्सीन आपके शरीर को वायरस पहचानने और उससे लड़ने की ट्रेनिंग दे रही है। जहां तक बात है वैक्सीन के विश्वसनीयता की तो देश का हर एक नागरिक सरकार और वैज्ञानिकों महत्वपूर्ण है इसलिए जरा भी खतरे की आशंका होने पर लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए अनुमति ही नहीं दी जाती। इसलिए वैक्सीन पर भरोसा करें और प्रोटोकॉल के अनुसार टीकाकरण अवश्य करवाएं और आसपास के लोगों को भी जागरूक करें। देश को कोरोना मुक्त होने में सहयोग प्रदान करें। वैक्सीन लगने के बाद भी मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, समय-समय पर हाथ धुलना का नियमित पालन अवश्य करें। याद रखें “दवाई भी और कड़ाई भी। ” ReplyForward | | |