
बिजनौर । शासन के निर्देश पर कृषि विभाग की सक्रियता बढ़ी, जिलाधिकारी के आदेश पर उर्वरक विक्रेताओ के प्रतिष्ठानो व गोदामों मे छापामार कार्यवाही करने के लिए टीम गठित गई। 42 प्रतिष्ठानों का निरीक्षण कर 17 उर्वरक के नमूने लिए गए । छापेमार कार्यवाही में गिरीश चन्द्र उप क़ृषि निदेशक व यशपाल सिंह, जिला गन्ना अधिकारी, डॉ. अवधेश मिश्र, जिला क़ृषि अधिकारी व जितेंद्र सिंह, जिला उद्यान अधिकारी तथा मनोज कुमार रावत, उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी सदर बिजनौर व डॉ. प्रदीप कुमार, सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक (सहकारिता) जनपद बिजनौर की संयुक्त टीमो द्वारा की गयी. छापामार कार्यवाही के दौरान बिक्री केन्द्रो के अभिलेखो एवं स्टॉक की जाँच की गई और पॉस मशीन और गोदाम में रखे गए स्टॉक का भी मिलान किया गया. इस छापामार कार्यवाही के दौरान कुल 42 प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया और 17 उर्वरक के नमूने लिए गए. छापामार कार्यवाही के समय ओवर रेटिंग, कालाबाज़ारी, टैगिंग आदि का कोई प्रकरण प्रकाश मे नहीं आया. छापामार कार्रवाई के दौरान दुकानें बंद करके भाग जाने पर 01 प्रतिष्ठानों मै. किसान सेवा केंद्र, मंडावली को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए उनके उर्वरक लाइसेंस को निलंबित किया गया। छापामार् कार्रवाई के दौरान मै. सरस्वती फ़र्टिलाइज़र्स, नजीबाबाद, मै. हिंदुस्तान बीज भंडार नजीबाबाद मै. भारत बीज भंडार नजीबाबाद, मै. एहसान खाद स्टोर भागूवाला एवं मै. अंसारी खाद स्टोर भागूवाला के अभिलेख अधूरे पाए जाने पर कारण बताओ नोटिस जारी की गई. उक्त कार्रवाई के दौरान पॉस मशीन के स्टॉक एवं गोदाम में रखे गए स्टाक में कोई अंतर नहीं पाया गया निरीक्षण के दौरान सभी उर्वरक विक्रेताओं को हिदायत दी गयी कि सभी उर्वरक कि बिक्री निर्धारित मूल्य पर की जाय तथा मुख्य उर्वरक के साथ किसी अन्य उर्वरक अथवा कीटनाशी रसायन की टैगिंग किसी भी दशा मे न की जाय अन्यथा की दशा मे उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 तथा आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के अंतर्गत दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. यह भी निर्देशित किया गया कि किसी भी किसान को उर्वरकों की बल्क में बिक्री ना की जाए और किसानों को उनकी आवश्यकता एवं जोत के आधार पर ही उर्वरक बेचाने के निर्देश दिए गए।